Rohit और Virat में पहले प्रॉब्लम थी, कहते हैं पुराने कोच!




आज तस्वीरें और वीडियो भरे हुए है जिस तरह से Virat Kohli (विराट कोहली) और Rohit Sharma (रोहित शर्मा) गले मिल के रोये जब उन्होंने T20 का वर्ल्ड कप (World Cup) जीता। लोगों ने वो फोटो जिसमें उन्होंने पूरा तिरंगा अपने पे लपेटा हुआ है वो शायद भारत (INDIA) के क्रिकेट (Cricket) इतिहास में ना जाने कितनी बार दिखाया जाता रहे। लोगों को लगा कि जब इन दोनों लोगों के बीच में इतना प्यार है, फिर लोग बेकार ही इनकी दूरियों का हल्ला मचाते रहते है । सोशल मीडिया पर एक के फैन दूसरे के फैन को काटने दौड़ते है। माना ये जाता रहा है कि जबसे Virat Kohli (विराट कोहली) कि कप्तानी Rohit Sharma (रोहित शर्मा) के पास गई तबसे प्रॉब्लम है। तो क्या वाक़ई ये प्रॉब्लम है? इंडिया (INDIA) के पुराने कोच रहे Bharat Arun (भरत अरुन) अपनी किताब में बताते हैं कि नये कोच Ravi Shastri (रवि शास्त्री) ने एक बार इन दोनों को आमने सामने बैठाया। इंडिया ने 10 न पहले ही  का T20 वर्ल्ड कप (World Cup) हारा था। Ravi Shastri (रवि शास्त्री) ने Rohit Sharma (रोहित शर्मा) और Virat Kohli (विराट कोहली) से कहा कि अगर इण्डियन क्रिकेट (Indian Cricket) के सेहत अच्छी होनी है तो तुम दोनों को मिल के खेलना है। Shikhar Dhawan (शिखर धवन) कहते हैं कि ईगो कि प्रॉब्लम होना आम बात है। जब 40 लोगों का दल टूर कर रहा हो जिसमें सपोर्ट स्टाफ भी हो, तो कुछ ना कुछ तो खटपट लगी रहती है। इंडिया के क्रिकेटरों के साथ ये खटपठ ज़्यादा है। इण्डियन क्रिकेट (Indian Cricket) में ईगो की बहुत प्रॉब्लम हैं। यानी जो टीम आपको पार्क में नज़र आती है, वो मैदान के बाहर नहीं होती। मैदान के बाहर तुम अपने रास्ते, में अपने रास्ते। MS Dhoni (महेंद्र सिंह धोनी) के लिए मशहूर था कि वो ग्राउंड के बाहर टीम के खिलाड़ियों के साथ शाम को बहुत उठते बैठते नहीं थे। क्रिकेट के लीजेंड Kapil Dev (कपिल देव) का मानना है की आजकल के क्रिकेटरों को लगता है कि वो सब कुछ जानते हैं। उन्हें कुछ जानने की ज़रूरत नहीं है। कपिल कहते हैं कि पहले VVS Laxman (वी वी एस लक्ष्मण), Sachin Tendulkar (सचिन तेंदुलकर), Rahul Dravid (राहुल द्रविड़) वग़ैरह उनके पास आते थे राय लेने के लिए। आजकल कोई नहीं आता । Kapil Dev (कपिल देव)  का कहना है कि मेरी छोड़िये Sunil Gavaskar (सुनील गावस्कर) से भी कोई क्रिकेट कि राय नहीं माँगता। यानी वो आदमी जो पिछले 50 सालों से क्रिकेट से जुड़ा हुआ है, उससे भी आप कुछ सीखने की ज़रूरत नहीं समझते। कपिल कहते हैं कि इस सोच का मुख्य कारण है बहुत छोटी उम्र में बहुत ज़्यादा पैसा मिल जाना। इसलिए आप में घमंड आ जाता है, आप किसी की सुनना नहीं चाहते हो। हाल फ़िलहाल में हमने देखा है कि कमेंटेटर अगर कुछ भी कहें तो क्रिकेटर उनको काटने को दौड़ते हैं। Sunil Gavaskar (सुनील गावस्कर) ने अगर कमेंटरी में कह दिया कि Virat Kohli (विराट कोहली) धीरे खेलते हैं तो अगले दिन Virat Kohli (विराट कोहली) कहते हैं कि बाहर से बोलना आसान है, मुझे मालूम है कि मैदान में क्या चल रहा होता है। यानी Sunil Gavaskar (सुनील गावस्कर) जिन्होंने 34 सैकड़े मारे, 10 हज़ार से ज़्यादा रन बनाये, 125 टेस्ट खेले, उनको भी नहीं मालूम कि मैदान में क्या चल रहा होता है। वैसे सोचिए, जब 30-32 साल में आप हज़ार करोड़ से भी ज़्यादा के मालिक हो जाते हैं, तो अपने को सम्भाल पाना तो मुश्किल ही होता है। और जो अपने घमंड को पी जाता है, वो Sachin Tendulkar (सचिन तेंदुलकर) या Rahul Dravid (राहुल द्रविड़) या बन जाता है।